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राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के पूर्व विधायक ने ब्राह्मणों को लेकर एक विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि ब्राह्मण मूल रूप से भारत के नहीं है. सभी ब्राह्मण रूस से भागकर भारत आए है. उनके इस बयान के बाद अब बवाल मच गया है.
आरजेडी की राष्ट्रीय सचिव और पूर्व विधायक यदुवंश कुमार यादव ने शनिवार को सुपौल में पार्टी कार्यकर्ताओ की बैठक को संबोधित करते हुए दावा किया कि ब्राह्मण मूल रूप से रूस और अन्य यूरोपीय देशों के निवासी हैं और भारत आकर बस गए हैं.
उन्होंने कहा कि यादव समाज मूल रूप से भारत का है. डीएनए जांच से पता चला है कि कोई भी ब्राह्मण इस देश का नहीं है और वे रूस और अन्य यूरोपीय देशों से यहां आकर बस गए हैं. ब्राह्मण हमें विभाजित करने और शासन करने की कोशिश कर रहे हैं. हमें उन्हें यहां से भगा देना चाहिए.
आरजेडी पर जेडीयू हुई हमलावर
आरजेडी नेता के इस विवादित बयान के बाद महागठबंधन में उनकी सहयोगी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) हमलावर हो गई है. जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक कुमार झा ने कहा है कि आरजेडी के नेता मीडिया में बने रहने के लिए इस तरीके की अनर्गल बयानबाजी करते हैं.
उन्होंने कहा कि क्या परशुराम रूस से आए थे या किसी और देश से? ऐसी घटिया टिप्पणियां आरजेडी नेता सिर्फ मीडिया में बने रहने के लिए करते हैं. आरजेडी को ऐसे नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए. ऐसे बयानों से आरजेडी के नेता महागठबंधन की छवि को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं.
वहीं, दूसरी ओर बीजेपी ने भी यदुवंश कुमार यादव की ब्राह्मण समुदाय के खिलाफ की गई टिप्पणियों पर चुटकी लेते हुए कहा है कि ऐसे बयानों से स्पष्ट है कि महागठबंधन के घटक दलों में विवादित बयान देने की रेस लगी हुई है.
भाजपा विधायक नीरज कुमार बबलू ने कहा कि मुझे लगता है कि राजद नेता की मानसिक स्थिति अस्थिर है. इस क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाले राजद नेता मनोज कुमार झा और जनता दल यूनाइटेड के नेता संजय झा को यह बताना चाहिए कि क्या ब्राह्मण मूल रूप से देश के हैं या किसी अन्य जगह से आए हैं?
रामचरितमानस पर बयान को लेकर हुआ था विवाद
इससे पहले समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि कई करोड़ लोग रामचरितमानस को नहीं पढ़ते, सब बकवास है. यह तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है. सरकार को इसका संज्ञान लेते हुए रामचरितमानस से जो आपत्तिजनक अंश है, उसे बाहर करना चाहिए या इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए. 
रामचरितमानस के अंश पर जताई थी आपत्ति
स्वामी प्रसाद मौर्य ने आपत्ति जताते हुए कहा था कि तुलसीदास की रामचरितमानस में कुछ अंश ऐसे हैं, जिनपर हमें आपत्ति है. क्योंकि किसी भी धर्म में किसी को भी गाली देने का कोई अधिकार नहीं है. तुलसीदास की रामायण की चौपाई है. इसमें वह शुद्रों को अधम जाति का होने का सर्टिफिकेट दे रहे हैं.

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