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रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी के मामले में सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. पुलिस ने इस मामले में स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है. पुलिस की चार्जशीट में मौर्य दोषी सिद्ध हुए हैं. स्वामी प्रसाद पर धार्मिक भावनाएं आहत करने को लेकर जनवरी में केस दर्ज कराया गया था. 
दरअसल, राजद नेता और बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने जनवरी में रामचरितमानस पर विवादित बयान दिया था. इसके बाद देशभर में इसे लेकर बहस छिड़ गई थी. इस बयान का समर्थन करते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने विवादित बयान दिया था.  
स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को बकवास बताते हुए इससे विवादित अंश बाहर करने या इसे बैन करने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि इसे तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है. स्वामी प्रसाद ने लंपट, दुराचारी, अनपढ़ गंवार ब्राह्मण को भी पूजनीय बताने और शूद्र के ज्ञानी, विद्वान होने पर भी उसका सम्मान करने वाले अंश का जिक्र करते हुए सवाल किया था कि क्या यही धर्म है? 
स्वामी प्रसाद के बयान पर सियासी घमासान मच गया था. बीजेपी ने इस बयान को लेकर स्वामी प्रसाद के बयान मोर्चा खोल दिया था तो वहीं सपा ने इस बयान से किनारा कर लिया था.
स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ दर्ज हुई थी एफआईआर

स्वामी प्रसाद के बयान को लेकर यूपी की राजधानी लखनऊ में उनके खिलाफ केस दर्ज हुआ था. लखनऊ के हजरतगंज थाने की पुलिस ने उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 295 ए, 298, 504 और 153 के तहत दर्ज किया था. इन धाराओं में 7 साल की सजा का प्रावधान है. हालांकि, पुलिस ने अभी तक स्वामी प्रसाद को गिरफ्तार नहीं किया है, उन्हें सिर्फ नोटिस भेजा गया है.
क्या कहा था चंद्रशेखर ने?
चंद्रशेखर ने कहा कि रामचरितमानस में जो कूड़ा कचरा है, उसे साफ करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि अभी तो कुछ दोहों पर सवाल किया है, अभी दर्जनों दोहे हैं, जिसे बदलने की जरूरत है. मैं रामचरितमानस पर बोलता रहूंगा. मैं चुप होने वाला नही हूं.
 
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