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देश की राजधानी दिल्ली में एक मॉडल के बाल भद्दे ढंग से कतरने के आरोप में पांच सितारा होटल को दो करोड़ रुपये हर्जाना देने का आदेश दिया गया है. दिल्ली के आईटीसी मौर्य को ये आदेश मॉडल द्वारा शिकायत करने के बाद राष्ट्रीय उपभोक्ता शिकायत निवारण आयोग ने दिया है.
हालांकि इस फैसले के खिलाफ होटल ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था जिसके बाद आयोग को पुनरीक्षण का आदेश दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट के पुनरीक्षण आदेश पर अमल करने के बाद आयोग ने अपना पूर्ववर्ती आदेश बरकरार रखा है.
आयोग ने सितंबर 2021 में पीड़ित मॉडल को दो करोड़ रुपए मुआवजा अदा करने का पहला आदेश दिया था. इसके अलावा 2018 में जब ये घटना हुई थी तब से भुगतान करने तक 9 फीसदी ब्याज देने का भी आदेश दिया गया था.
आयोग के आदेश को आईटीसी मौर्य ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. कोर्ट ने आयोग से इस आधार पर पुनर्विचार करने को कहा था कि शिकायतकर्ता के आरोपों के साथ होटल प्रबंधन का पक्ष भी सुना जाए और फिर फैसला किया जाए.
मॉडल आशना रॉय अपने एक जॉब इंटरव्यू के लिए 12 अप्रैल 2018 को आईटीसी मौर्य के सलून में गई थी. इस दिन उनकी रेगुलर हेयर ड्रेसर की गैर हाजिरी में दूसरी ड्रेसर ने उनके बाल बेतरतीब तरीके से कतर कर छोड़ दिया जिससे मॉडल सदमे में चली गई.
स्टाफ पर अपमान करने का आरोप
उनकी शिकायत पर सलून प्रबंधन ने फ्री हेयर ट्रीटमेंट की पेशकश की. हालांकि उससे बाल और रूखे और बेरंग हो गए. मॉडल रॉय ने अपनी शिकायत के साथ-साथ आयोग और सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि शिकायत करने पर सलून का स्टाफ अपमानजनक लहजे में बदतमीजी पर उतर आया.
ऐसी हालत में उनका इंटरव्यू का अवसर भी हाथ से निकल गया और वो जीवन का सबसे अहम अवसर से चूक गईं. इस बात की शिकायत के साथ रॉय ने आईटीसी मौर्य होटल को लिखित माफी मांगने के साथ तीन करोड़ रुपए मुआवजा की मांग की और उपभोक्ता शिकायत निवारण आयोग पहुंच गई.
9 फीसदी ब्याज के साथ मुआवजा देने का आदेश
आयोग में जस्टिस आरके अग्रवाल और डॉक्टर एसएम कांटिकर ने 2021 में दो करोड़ रुपए पर नौ फीसदी ब्याज अदा करने का आदेश मौर्य होटल को दिया था. होटल ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर इसे चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट में रॉय ने अपना पक्ष खुद रखा. कोर्ट ने आयोग से अपने आदेश पर पुनर्विचार करने को कहा लेकिन आयोग को पुनर्विचार के दौरान भी आदेश में कोई खामी नहीं मिली.
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