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पिछले कुछ वर्षों में शेयर मार्केट (Share Market) में निवेश करने वालों की संख्या बढ़ी है. निवेशक अपने पोर्टफोलियो (Portfolio) को डायवर्सिफाई बनाने के लिए विदेशी कंपनियों को स्टॉक पर भी दांव लगा रहे हैं. पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करके जोखिमों को कम किया जा सकता है. मार्केट के जानकारों का मानना है कि इससे रिटर्न का संतुलन बना रहता है. भारतीयों को विदेशी शेयरों में सीधे निवेश करने की अनुमति करीब 19 साल पहले मिल गई थी. लेकिन बहुत लोग जानकारी के अभाव में विदेशी शेयर बाजार में निवेश नहीं कर पाते हैं.
ब्लॉकबस्टर शेयरों में कर सकते हैं निवेश
आप आसानी से घर बैठे विदेशी शेयर बाजार में पैसा लगा सकते हैं और Google, Amazon, Facebook, Tesla, डॉमिनोज जैसे कई ब्लॉकबस्टर शेयरों को अपने पोर्टफोलियो में शामिल कर सकते हैं. इन कंपनियों का कारोबार दुनियाभर में है. ये ऐसी कंपनियां हैं, जिनके शेयरों ने अपने निवेशकों को जोरदार रिटर्न दिया है. अमेरिकी समेत कई विदेशी मार्केट में पैसे लगाने के कई फायदे हैं. एक तो जैसे-जैसे कंपनियों का कारोबार बढ़ेगा, निवेशकों का उसी हिसाब से रिटर्न बढ़ता जाएगा.
मिलता है शानदार रिटर्न
दूसरा बड़ा फायदा यह है कि डॉलर (Dollar) के मुकाबले रुपये में गिरावट के कारण तो रिटर्न और भी ज्यादा शानदार हो जाता है. पिछले कुछ वर्षों में डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार कमजोर हुआ है. फिलहाल एक डॉलर 81.75 रुपये के बराबर है. 2004 में एक डॉलर का भाव 46 रुपये था. यानी डॉलर मजबूत होने से रिटर्न और बढ़ जाता है. लोगों के मन में एक बड़ा सवाल यह होता है कि विदेशी बड़ी कंपनियों के शेयर महंगे होते हैं. यह सच भी है. यूएस स्टॉक मार्केट (US Stock Market) में कुछ शेयर ऐसे हैं, जिनकी जिनकी भारतीय रुपये में कीमत 1.5 से 2.5 लाख या इससे भी ज्यादा है.
फ्रैक्शनल इंवेस्टिंग की सुविधा
आप विदेशी बाजारों महज एक डॉलर से भी निवेश की शुरुआत कर सकते हैं. इसके लिए बहुत ज्यादा कैश की जरूरत नहीं है. ऐसे कुछ प्लेटफॉर्म हैं, जहां से आप फ्रैक्शनल इंवेस्टिंग की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं. जहां से आप फ्रैक्शनल इंवेस्टिंग की सुविधा का लाभ उठा सकते हें. फ्रैक्शनल इंवेस्टिंग एक ऐसा तरीका है, जिससे यह काम आसानी से हो सकता है. जिससे यह काम आसानी से हो सकता है. इसके अलावा कई म्यूचुअल फंड्स हैं, जो विदेशी बाजारों में निवेश करते हैं. जहां आप घर बैठे निवेश कर सकते हैं.
हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में भारतीय शेयर बाजारों ने दूसरे विदेशी बाजारों की तुलना में अच्छा किया है. जिससे विदेशी निवेशकों से तेजी से भारत का रुख किया. हालांकि कहीं भी पैसे लगाने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें.
लगते हैं ये डॉक्यूमेंट्स
इन्वेस्टमेंट एडवाइजरी अकाउंट ओपनिंग की फ्री में सुविधा देते हैं. KYC प्रक्रिया पूरी करने के बाद कोई भी निवेशक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवा सकता है. यह डीमैड अकाउंट की तरह होता है. अमेरिकी नियमों के अनुसार निवेशक को बर्थ सर्टिफिकेट, एड्रे प्रूफ और PAN कार्ड की स्कैन कॉपी लगानी जरूरी होती है.
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